English Version : Confused About SIR Documents ? Here’s the Complete ECI List
SIR क्या है और क्यों ज़रूरी है
विशेष गहन पुनरीक्षण ( SIR ) इस समय नौ राज्यों और तीन केंद्र शासित प्रदेशों में चल रहा है। यह अभियान भारत निर्वाचन आयोग (ECI) का बड़ा कदम है ताकि मतदाता सूची को शुद्ध किया जा सके और उसमें से डुप्लीकेट नाम, प्रवासी, मृतक या अयोग्य व्यक्तियों को हटाया जा सके।
इस बार आयोग ने आधार वर्ष 2002–2004 तय किया है, जब पिछली बार बड़े पैमाने पर पुनरीक्षण हुआ था।
मतदाताओं के लिए इसका मतलब है—अपनी पात्रता साबित करना ज़रूरी है। और यह इस पर निर्भर करता है कि आपको दस्तावेज़ जमा करने की ज़रूरत है या नहीं।
📝 दस्तावेज़ कब जमा करने हैं?
- एन्यूमरेशन चरण:
- इस समय कोई दस्तावेज़ देने की ज़रूरत नहीं।
- बस एन्यूमरेशन फॉर्म भरें और परिवार के किसी सदस्य का नाम लिखें जो पिछली SIR सूची में था।
- ड्राफ्ट वोटर लिस्ट प्रकाशित होने पर:
- अगर ERO/Assistant ERO को आपकी पात्रता पर संदेह होता है, तो वे नोटिस भेजेंगे।
- तब आपको दस्तावेज़ देकर अपनी पात्रता साबित करनी होगी।
- विशेष स्थिति:
- अगर आप परिवार के किसी सदस्य को पुरानी सूची से नहीं जोड़ पाते, तो आपको तुरंत दस्तावेज़ देना होगा।
📑 ECI द्वारा मान्य दस्तावेज़
अगर आपको प्रमाण देना पड़े, तो ये दस्तावेज़ मान्य हैं:
- पहचान पत्र/पेंशन भुगतान आदेश (केंद्रीय/राज्य सरकार/PSU कर्मचारी/पेंशनर)।
- 01.07.1987 से पहले जारी कोई सरकारी/बैंक/पोस्ट ऑफिस/LIC/PSU पहचान पत्र।
- जन्म प्रमाण पत्र।
- पासपोर्ट।
- मैट्रिक/शैक्षिक प्रमाण पत्र।
- स्थायी निवास प्रमाण पत्र।
- वन अधिकार प्रमाण पत्र।
- जाति प्रमाण पत्र (OBC/SC/ST)।
- राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (जहाँ लागू हो)।
- परिवार रजिस्टर (राज्य/स्थानीय प्राधिकरण द्वारा)।
- भूमि/मकान आवंटन प्रमाण पत्र।
- आधार कार्ड (केवल पहचान हेतु, नागरिकता प्रमाण नहीं)।
- बिहार SIR मतदाता सूची का अंश (01.07.2025 संदर्भ)।
आधार कार्ड पर नियम
- आधार केवल पहचान पत्र है।
- इसे नागरिकता प्रमाण के रूप में नहीं माना जाएगा।
- अगर संदेह हुआ तो अतिरिक्त दस्तावेज़ माँगे जा सकते हैं।
यह नियम सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार है, जो बिहार SIR मामले की सुनवाई में दिया गया था।

मतदाताओं के लिए महत्व
यह प्रक्रिया सीधे आपके मताधिकार से जुड़ी है। अगर आप दस्तावेज़ नहीं देते या नोटिस का जवाब नहीं देते, तो आपका नाम सूची से हट सकता है।
पहली बार वोट डालने वाले, छात्र और प्रवासी लोगों के लिए यह और भी अहम है।
चरण-दर-चरण गाइड
- एन्यूमरेशन फॉर्म भरें।
- ड्राफ्ट वोटर लिस्ट देखें।
- अगर नोटिस मिले तो तुरंत जवाब दें।
- ज़रूरत पड़ने पर दस्तावेज़ जमा करें।
- अंतिम सूची में अपना नाम जाँचें।
ट्रेंडिंग सवाल
- क्या आधार पर्याप्त है? → नहीं, केवल पहचान के लिए।
- अगर परिवार का नाम पुरानी सूची में नहीं है? → दस्तावेज़ देना ज़रूरी।
- क्या छात्र शैक्षिक प्रमाण पत्र दे सकते हैं? → हाँ।
- अगर नोटिस को नज़रअंदाज़ किया तो? → नाम हट सकता है।
निष्कर्ष
- ज़्यादातर मतदाताओं को तुरंत दस्तावेज़ देने की ज़रूरत नहीं।
- केवल उन्हीं को देना होगा जिनकी पात्रता पर संदेह है या परिवार का नाम पुरानी सूची में नहीं है।
- अपने दस्तावेज़ तैयार रखें—जन्म प्रमाण पत्र, शैक्षिक प्रमाण पत्र या सरकारी पहचान पत्र।
📎 बाहरी लिंक
- भारत निर्वाचन आयोग
- विकिपीडिया: भारत में मतदाता सूची
- सुप्रीम कोर्ट ऑफ इंडिया
- Quora: भारत में वोटर आईडी दस्तावेज़
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